आज तक कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय स्टाफ केंद्र या राज्य सरकार के दो पाटों के बीच पिस रहा है। क्योंकि कुछ बिन्दुओं पर दोनों ही पक्ष समस्यायों से पल्ला झाड़ लेते हैं, जैसे मानदेय शिक्षकों की ही तरह शिक्षा मित्रों को नियमित करने की कई राज्यों ने पहल कर दी है परन्तु कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय स्टाफ सन् २००४ से कार्य कर रहे हैं परन्तु इसका लाभ उन्हें नहीं मिला, शिक्षा मित्रों को शिक्षक भर्ती में अलग से कोटे की व्यवस्था है , पर कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय स्टाफ को नहीं। केंद्र सरकार ने भी अपने अधीन संस्थाओं में अनियमित कर्मियों को नियमित करने के फरमान जारी कराती रहती है परन्तु कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय की फाइल उसकी किस अलमारी में रखी जंग खा रही है ये तो वही जाने।
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